Monday, July 21, 2025

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स्तोत्र

॥ श्री हरि स्तोत्रम् ॥

॥ श्री हरि स्तोत्रम् ॥ जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालंशरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायंसुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं॥1॥ सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं॥2॥ रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारंजलान्तर्विहारं धराभारहारं चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपंध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं॥3॥ जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनं जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुंत्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं...

॥ शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् ॥

॥ शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै न काराय नमः शिवाय॥1॥ मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चितायनन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय। मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजितायतस्मै म काराय नमः शिवाय॥2॥ शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय। श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजायतस्मै शि काराय नमः शिवाय्॥3॥ वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय। चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनायतस्मै...

॥ शिव ताण्डव स्तोत्रम् ॥

॥ शिव ताण्डव स्तोत्रम् ॥ जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्। डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्॥1॥ {जटा टवी गलज् जल प्रवाह पावितस्थले (पावितः थले)गले अवलंब्य लम्बितां...

॥ महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् ॥

॥ महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् ॥ अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥1॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि...

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