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चालीसा
श्री गोपाल चालीसा
॥ दोहा ॥
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥
॥ चौपाई ॥
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी। दुष्ट दलन लीला...
श्री कृष्ण चालीसा
॥ दोहा ॥
बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बा फल, पिताम्बर शुभ साज॥
जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज।करहु कृपा हे...
श्री कुबेर चालीसा
॥ दोहा ॥
जैसे अटल हिमालय, और जैसे अडिग सुमेर।ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर॥
विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर।भक्त हेतु...
श्री महालक्ष्मी चालीसा
॥ दोहा ॥
जय जय श्री महालक्ष्मी, करूँ मात तव ध्यान।सिद्ध काज मम किजिये, निज शिशु सेवक जान॥
॥ चौपाई ॥
नमो महा लक्ष्मी जय माता। तेरो...
श्री कृष्ण चालीसा
॥ दोहा ॥
बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥
जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज।करहु कृपा हे रवि...
श्री लक्ष्मी चालीसा
॥ दोहा ॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास।मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस॥
॥ सोरठा ॥
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।सब विधि...
॥ श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा॥
॥ दोहा ॥
नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब।
सन्तजनों के काज में, माँ करती नहीं विलम्ब॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जग...
॥ श्री शीतला चालीसा॥
॥ दोहा ॥
जय-जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धि बलज्ञान॥
॥ चौपाई ॥
जय-जय-जय शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणखानी॥
गृह-गृह...
॥ श्री ललिता त्रिपुरसुंदरी चालीसा ॥
॥ चौपाई ॥
जयति जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता॥
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी॥
तू कल्याणी कष्ट निवारिणी। ...
॥ श्री बटुक भैरव चालीसा ॥
॥ दोहा ॥
विश्वनाथ को सुमिर मन, धर गणेश का ध्यान।
भैरव चालीसा रचूं, कृपा करहु भगवान॥
बटुकनाथ भैरव भजू, श्री काली के लाल।
छीतरमल पर कर कृपा, ...