Sunday, July 20, 2025
spot_img
Homeआरती॥ श्री जगदीश जी की आरती ॥

॥ श्री जगदीश जी की आरती ॥

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥

ॐ जय जगदीश हरे…

जो ध्यावै फल पावै, दुःख विनसे मनका।

सुख-सम्पति घर आवे, कष्ट मिटै तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे…

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी ॥

ॐ जय जगदीश हरे…

तुम पूरन परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

ॐ जय जगदीश हरे…

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता ॥

ॐ जय जगदीश हरे…

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूँ दयामय! तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे…

दीनबन्धु दुःखहर्ता, तुम रक्षक मेरे।

अपने हाथ बढ़ाओ, द्वार पड़ा तेरे ॥

ॐ जय जगदीश हरे…

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे…

तन, मन, धन सब तेरा, स्वामी सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा।

ॐ जय जगदीश हरे…

श्री जगदीश जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पति पावे ॥

Worldwide News, Local News in London, Tips & Tricks

- Advertisement -